‘महंगाई, बेरोजगारी और किसान का जिक्र क्यों नहीं?’, BJP के संकल्प पत्र पर झामुमो ने पूछे सवाल
14/04/2024 9:45 PM Total Views: 2614
भाजपा ने लोकसभा चुनाव के लिए संकल्प पत्र जारी किया है। भाजपा के संकल्प पत्र पर विपक्ष लगातार हमलावर है। भाजपा के संकल्प पत्र पर झारखंड मुक्ति मोर्चा ने भी जमकर निशाना साधा है। झामुमो के महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने भाजपा संकल्प पत्र पर सवाल खड़ा किया कि महंगाई बेरोजगारी और किसान भाजपा के संकल्प पत्र में कहां हैं?
राज्य ब्यूरो, रांची। JMM On BJP Manifesto 2024 झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) ने भाजपा के संकल्प पत्र पर कड़ा प्रहार किया है। महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने सवाल उठाया कि महंगाई, बेरोजगारी और किसान भाजपा के संकल्प पत्र में कहां हैं? किसान, पेट्रोल-डीजल और एलपीजी की भी चर्चा नहीं है।
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सुप्रियों ने पूछा कि भाजपा को बताना चाहिए कि 400 का सिलिंडर 1400 तक कैसे पहुंच गया? गरीबी हटाने की बात करने वाले पीएम मोदी ने यह नहीं बताया कि देश में 80 करोड़ गरीबों को मुफ्त में अनाज क्यों नहीं दिया जा रहा है? तेल, चावल, गेंहू, सरसों तेल, दाल, प्याज के का जिक्र नहीं है। उद्योगपतियों को लूट की छूट है। सारा संसाधन चुनिंदा कॉरपोरेटर घरानों के लिए है।
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झामुमो ने भाजपा पर आरोप लगाया
झामुमो ने भाजपा पर आरोप लगाया कि राष्ट्रपति के हाथ बंधे हैं। मणिपुर जैसी घटना के बाद जनजातीय गौरव की बात करना आदिवासियों का अपमान है। देश में पहले से सभी धर्मों के लिए कानून बना हुआ है। चाहे वह हिंदू मैरिज एक्ट हो या फिर मुस्लिम पसर्नल लॉ। अलग से किसी के लिए कानून लाने की जरूरत नहीं है।झामुमो ने भाजपा पर आरोप लगाया कि राष्ट्रपति के हाथ बंधे हैं। मणिपुर जैसी घटना के बाद जनजातीय गौरव की बात करना आदिवासियों का अपमान है। देश में पहले से सभी धर्मों के लिए कानून बना हुआ है। चाहे वह हिंदू मैरिज एक्ट हो या फिर मुस्लिम पसर्नल लॉ। अलग से किसी के लिए कानून लाने की जरूरत नहीं है।
उन्होंने कहा कि इस देश में केवल और केवल मुसलमानों को डराने के लिए सीसीए और यूसीसी लाने की बात कही जा रही है। देश के मुसलमान अब जागरूक हो गए हैं। वह सारी बातों को अच्छी तरह से समझ रहे हैं।झामुमो ने भाजपा पर आरोप लगाया कि राष्ट्रपति के हाथ बंधे हैं। मणिपुर जैसी घटना के बाद जनजातीय गौरव की बात करना आदिवासियों का अपमान है। देश में पहले से सभी धर्मों के लिए कानून बना हुआ है। चाहे वह हिंदू मैरिज एक्ट हो या फिर मुस्लिम पसर्नल लॉ। अलग से किसी के लिए कानून लाने की जरूरत नहीं है।
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